योजना में औसतन 40 या 40 से अधिक नये मरीजों को भर्ती करने वाले 38 निजी अस्पतालों में चिरंजीवी मित्रों का प्रावधान |
मुख्य भूमिका
अस्पताल की हैल्प डेस्क पर आने वाले प्रत्येक लाभार्थी / मरीज से संवाद स्थापित कर योजना की जानकारी प्रदान करना।
हैल्प डेस्क पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को योजना के पोर्टल के माध्यम से पात्रता की जांच करना।
यदि व्यक्ति लाभार्थी नहीं है तो योजना में पंजीकरण की जानकारी देकर, पंजीकरण के लिये प्रेरित करना ।
अगर योजना का लाभार्थी है तो अस्पताल में उपलब्ध स्पेशिलिटी की जानकारी देना।
अगर योजना के लाभार्थी मरीज के इलाज से संबंधित स्पेशिलिटी सबंधित अस्पताल में उपलब्ध नही हो तो लाभार्थी को योजना से जुडे दूसरे अस्पताल में रैफर करना।
चिरंजीवी मित्र द्वारा प्रत्येक लाभार्थी को इलाज नही मिलने /मना किये जाने / अतिरिक्त शुल्क चार्ज किये जाने की स्थिति मे संबंधित अस्पताल के नोडल अधिकारी को सूचित करना।